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घरौंदा

हमेशा प्रकृति कुछ न कुछ ऐसा करती है जिससे  कि हर कोई विवश हो जाता है, अपनी प्रत्येक चीज़ को पुनः निर्मित करने के लिए ,और इस प्रकार संसार में पुनः एक परिवर्तन स्थापित हो जाता है। कहते हैं कि   परिवर्त…

 मेरे माथे का चन्दन

जन्मदायिनी के चरणों में , अर्पित तन - मन - धन जीवन।  उस देवी की चरण धूल  है, मेरे माथे का चन्दन।  अपना दूध पिलाकर मुझको, जिस  माता ने ताकत दी।  ममता की छाया में रखकर , जिसने खूब मोहब्बत दी।  जिसकी गोदी में पल …